BarCode क्या है

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बारकोड (Barcode) एक विशेष टाइप का कोड होता है जिसमें पतली और मोटी लाइनों की एक सीरीज होती है जिसे बार (bar) कहा जाता है|इसकी जो कोडिंग होती है| वह लाइन की लंबाई से नहीं लाइन की मोटाई से होती है| साथ में कुछ नंबर भी लिखे होते है| ये मिल कर एक कोड जनरेट करते है इसे ही बारकोड कहते है।
बारकोड में इलेक्ट्रॉनिक कोड होता है जिसे केवल मशीन द्वारा ही पढ़ा जा सकता है. अतः बारकोड एक मशीन Readable कोड है, जिसे Optical Scanner (प्रकाशीय स्कैनर) की सहायता से पढ़ा जा सकता है. तथा आधुनिक समय में बारकोड का अधिक उपयोग बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा सफलतापूर्वक बिज़नेस करने के लिए अपने प्रोडक्ट में बारकोड का उपयोग किया जाता है
बारकोड को बनाने का काम नारमन जोसेफ वुडलैंड (Norman Joseph Woodland) ने किया है| इन्होने 1949 में इसे बनाया था तब इस विधि का नाम उन्होंने “Classifying Apparatus and Method” रखा गया था।
BarCode को कैसे पढ़ते है
BarCode को पढ़ने के लिए हमें एक मशीन की जरुरत होती है जिसे हम Barcode रीडर कहते है । जब किसी भी प्रोडक्ट के Barcode के निशान पर हम Barcode Reader को ले जाते है तो Barcode reader में से एक लेज़र बीम निकलती है और स्पेस में रिलेशंस के द्वारा कोड को डिजिटल डाटा में बदल देती है और बारकोड रीडर इस को सूचना कंप्यूटर में ट्रान्सफर कर देता है जिस से ये आसानी से जान जाते है की वो प्रोडक्ट क्या है, किस कंपनी का है, कितनी कीमत का है, कब का बना है आदि|

BarCode का इतिहास
आधुनिक बारकोड नॉर्मन जॉसेफ वुडलैंड तथा बर्नार्ड सिल्वर नामक दो वयक्तियों द्वारा विकसित किया गया. 1959 के दशक के दौरान रेलमार्ग गाड़ियों पर नजर रखने के लिये डेविड कोलिन्स ने एक प्रणाली विकसित की जिसमें पहली बार बारकोड का इस्तेमाल किया गया. समय के साथ 1969 में बारकोड के विकास की ओर अनेक कार्य किये गए तथा साल 1974 में ओहियो के ट्रॉय मार्श के सुपरमार्केट में पहला UPC स्कैनर लगाया गया. Wrigley’s नामक उत्पाद के पैकेट में पहली बार बारकोड स्थापित किया गया।
BarCode के प्रकार
1 Dimensional BarCode या linear BarCode—
लाइनर बारकोड/रेखाकार बारकोड. इन बारकोड को One डाइमेंशनल बारकोड के नाम से भी जाना जाता है. 1D बारकोड यूपीसी कोड की तरह होते हैं. 1D बार कोड का उपयोग सामान्यत दैनिक जीवन में साबुन, पेन इत्यादि में किया जाता है।
2 Dimensional BarCode या Quick Response Code—
2 डाइमेंशनल बारकोड/द्विमीय बारकोड अथवा इन्हें QR कोड स्केनर के नाम से भी जाना जाता है. यह बारकोड नई तकनीक से बने हैं जिनका आपने कई डिजिटल पेमेंट एप जैसे पेटीएम में देखा होगा. 2D बारकोड में 1D बारकोड की तुलना में अधिक जानकारी स्टोर की जा सकती है. तथा इसे आसानी से स्कैन किया जा सकता है.
2D बारकोड का चलन तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि इन बारकोड्स को हम स्मार्टफोन से भी आसानी से स्कैन कर सकते हैं.
1D बरकड़े और 2D बरकड़े में क्या अंतर है।
एकविमीय बारकोड – (1 Dimensional Barcode) | द्विविमीय बारकोड – (2 Dimensional Barcodes) | |
डिजाईन | इनका डिजाईन या आकार लम्बा होता है | यानी इनमे समांतर लाइन्स लम्बाई में होती है| | इनका डिजाईन Square Shape में होता है| |
स्टोरेज क्षमता | इसमें डेटा को स्टोर करने की क्षमता कम होती है | | इस में बड़ी-बड़ी फाइल्स और विडियो भी स्टोर हो जाते है| |
स्कैन की दिशा | इसे एक दिशा से ही स्कैन किया जा सकता है| | इसको किसी भी दिशा से स्कैन कर सकते है| |
स्कैनर/रीडर | इस बारकोड को रीड करने के लिए रीडर स्कैनर की जरूरत होती है| | इसे आप किसी भी एंड्राइड फ़ोन से भी स्कैन कर सकते है| |
उदाहरण : | इसका इस्तमाल साबुन, क्रीम आदि पर होता है| | इसका इस्तमाल आपने PayTM पर देखा होगा| |
विभिन्न देशों के barcode
I. 890: भारत
II. 00-13: संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा
III. 30-37: फ्रांस
IV. 40-44: जर्मनी V. 45, 49: जापान
VI. 46: रूस
VII. 471: ताइवान
VIII. 479: श्रीलंका
IX. 480: फिलीपींस
X. 486: जॉर्जिया
XI. 489: हांगकांग
XII. 49: जापान
XIII. 50: यूनाइटेड किंगडम
XIV. 690-692: चीन
XV. 70: नॉर्वे
XVI. 73: स्वीडन
XVII. 76: स्विट्जरलैंड
XVIII. 888: सिंगापुर
XIX. 789: ब्राजील
XX. 93: ऑस्ट्रेलिया
इस प्रकार ऊपर दी गयी जानकरी के आधार पर आप किसी भी उत्पाद के बारकोड को देखकर यह पता लगा सकते हैं कि कौन सा उत्पाद किस देश में बना है |